कविता |
काय सैपाक काय करू मी बाई |
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पाषाणभेद |
कविता |
..तुझे टाळतो मी अताशा शहर.. |
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कानडाऊ योगेशु |
कविता |
तो क्षण |
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anant_yaatree |
कविता |
मार्कर |
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ए ए वाघमारे |
कविता |
ओंजळीत शब्द मोजकेच माझ्या |
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khilaji |
कविता |
स्वल्पविराम |
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धनंजय |
कविता |
आजकालचे सौंदर्य डोळ्यात मावत नाही |
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khilaji |
कविता |
विडंबन - धोबिचा कुत्रा |
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विवेक पटाईत |
कविता |
(वाईट) साईट-सीईंग |
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शिवोऽहम् |
कविता |
"ला इलाहा इल्लिल्ला" |
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मिलिन्द |
कविता |
कौतुक कुणाचं करावं ? |
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चंद्रहास |
कविता |
पणती |
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रानभुली२ |
कविता |
माळढोक पर्वाचा अंत झाला |
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khilaji |
कविता |
दुर्दम्य |
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शिवोऽहम् |
कविता |
चूड... |
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श्वेता |
कविता |
एवढंच करा. |
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अंतराआनंद |
कविता |
छद्मपिपासा |
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शिवोऽहम् |
कविता |
सरदार सरदार |
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पाषाणभेद |
कविता |
..मला मात्र पत्नी गोरी हवी.. |
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कानडाऊ योगेशु |
कविता |
शेष |
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anant_yaatree |
कविता |
लेखाजोखा |
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कांचन दिलीप सापटणेकर |
कविता |
आई |
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jayprabhu kamble |
कविता |
बळीराज किंकर अख्नंडीत माझे |
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khilaji |
कविता |
पानगळ |
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मिलिन्द |
कविता |
तो नुसता ह्ंसायचा |
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तिरशिंगराव |
कविता |
" भारतीय मी, या देशाचा बाळगतो अभिमान ! " |
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विदेश |
कविता |
कामगार |
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मिलिन्द |
कविता |
वादळ... |
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श्वेता |
कविता |
SOLO IMPOTENCE |
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हरवलेल्या जहाजा... |
कविता |
तृष्णा |
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शिवोऽहम् |
कविता |
वात्रटिका : भाजी आणि पुस्तक |
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विवेक पटाईत |
कविता |
सखे "शब्द" झाले... |
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सुमित |
कविता |
कापूसकोंड्याला गोष्ट |
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कविता महाजन |
कविता |
इंद्रजाल |
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anant_yaatree |
कविता |
दि ग्रेट एडव्हेंचर |
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स्वयंभू |
कविता |
तो एक लाज-पुत्र |
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अतृप्त आत्मा |
कविता |
जिप्सी |
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कांचन दिलीप सापटणेकर |
कविता |
बाबूंचे अच्छे दिन आले |
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विवेक पटाईत |
कविता |
वात्रटिका - झिंगाट प्रेम |
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विवेक पटाईत |
कविता |
वय इथले संपत नाही |
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चंद्रहास |
कविता |
!! नालायक !! |
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गौरवखोंड |
कविता |
आपल्या या भारत देशात |
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अनिल तापकीर |
कविता |
फरक कुठे पडला आहे |
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परिमल |
कविता |
" न्यू जर्सीतील दाढीवाले" |
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मिलिन्द |
कविता |
स्वगत |
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फूल |
कविता |
म्रुत्यु... |
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गौरवखोंड |
कविता |
इंद्रधनुष्य |
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सुशेगाद |
कविता |
हवीच असते मी! |
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नगरीनिरंजन |
कविता |
कामधेनु |
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विवेक पटाईत |
कविता |
वेळ... |
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श्वेता |