ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
एक आठवण |
तिरशिंगराव |
रविवार, 29/09/2013 - 10:57 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
अरुण जोशी आणि बॅटमॅन. १००+
ही |
अप्पा जोगळेकर |
सोमवार, 30/09/2013 - 10:52 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
सहानभूती |
अरुणजोशी |
सोमवार, 30/09/2013 - 11:06 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
:) |
ऋषिकेश |
सोमवार, 30/09/2013 - 11:21 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
असे नाही. प्रतिसाद |
अनामिक |
सोमवार, 30/09/2013 - 11:32 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
असहमती |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
सोमवार, 30/09/2013 - 17:13 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
आस्तिक/नास्तिक? |
३_१४ विक्षिप्त अदिती |
सोमवार, 30/09/2013 - 17:25 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
माझ्या प्रतिसादातल्या एकाही |
अरुणजोशी |
सोमवार, 30/09/2013 - 17:39 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
दिल्लीत किंवा अजून कुठेही |
बॅटमॅन |
सोमवार, 30/09/2013 - 17:55 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
असा 'वर काढलेला' प्रतिसाद |
अस्मि |
सोमवार, 30/09/2013 - 18:38 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
पण मग चुकलं काय? |
Nile |
सोमवार, 30/09/2013 - 18:35 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
ते सर्वद्वेष्ट्यांबद्दल बोलत |
बॅटमॅन |
सोमवार, 30/09/2013 - 18:40 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
अवांतर अवांतर |
अक्षय पुर्णपात्रे |
सोमवार, 30/09/2013 - 18:50 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
श्रेणीभारादलसगमना स्तोकनम्रा |
बॅटमॅन |
सोमवार, 30/09/2013 - 18:55 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
लाईक ++ |
तर्कतीर्थ |
सोमवार, 30/09/2013 - 19:12 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
निषेध!!! |
काळा मठ्ठ बैल अ... |
शुक्रवार, 04/10/2013 - 14:27 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
माझ्या आईनी कध्धी साडी घातली |
अनामिक |
शुक्रवार, 04/10/2013 - 14:43 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
खरे आहे! |
'न'वी बाजू |
शनिवार, 05/10/2013 - 04:01 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
जालीय आयडी आणि घडामोडी यांवर |
Kiran |
शुक्रवार, 18/10/2013 - 09:13 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
जालीय आयडी आणि घडामोडी यांवर |
गवि |
शुक्रवार, 18/10/2013 - 09:40 |
ललित |
"त्या चार योनींची गोष्ट" |
तुलाही श्रेण्या देत येतात मित्रा.... |
मन |
सोमवार, 25/11/2013 - 14:13 |
कविता |
"तेंव्हा कोठे कविसंमेलने कमी झाली!" |
फॅसिझम हा मार्क्सिझम चा भाऊ |
गब्बर सिंग |
शुक्रवार, 30/03/2018 - 00:47 |
कविता |
"तेंव्हा कोठे कविसंमेलने कमी झाली!" |
Except when fascism masquerades as Hindutwa. |
मिलिन्द् पद्की |
शुक्रवार, 30/03/2018 - 03:22 |
कविता |
"ते" तुम्हीच आहात का? |
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अज्ञात (not verified) |
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कविता |
"तू " अधिक " मी " किती ? |
माझे चार आणे |
MindsRiot |
शनिवार, 15/09/2018 - 16:36 |