पणती

घन दाटुनि नाही आले झणी | सौदामिनी कुठुनी ये अंगणी || धृ ||

चिंब भिजली आठवगीते | नभ बरसती तुला बघुनी |
त्या मेघांतून वीज चमकता | माळ प्रभूची शब्द धरी || १ ||

त्या भेटींची चित्रे धूसर | सात पडद्यामागे विरली |
रानी नाही शालू हिरवा | धरा नेसली ऊन्हंकाहिली ||२||

दोन नयनी एकच दृष्टी |अता न होई गाठीभेटी |
दुरूनी सूर आरतीचे येता | खोल गर्भाशी घुमते घंटी ||३||

किणकिणते ध्वनी भरूनी आले | कलत्या साऊल्या पडल्या अंगणी |
मावळतीच्या तेजासंगे | पणती होई नभदामिनी || ४ ||

- रानभुली

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