कविता |
आजकाल हे असे आहे... |
निमिष सोनार |
कविता |
कसं काय पाटील, बरं हाय का? - विडम्बन |
शेफाली वैद्य |
कविता |
ओढ दर्शनाची |
विदेश |
कविता |
दिवस माझे हे फुगायचे .. (विडंबन) |
विदेश |
कविता |
एका जगात... |
कविता महाजन |
कविता |
असले कसले जेवण केले |
पाषाणभेद |
कविता |
वाट पाहते ये ना श्रीरंगा |
समीर चव्हाण |
कविता |
झुक्या चे अभंग |
अविनाशकुलकर्णी |
कविता |
" किती अडवू मी अडवू कुणाला ... (विडंबन) |
विदेश |
कविता |
अर्धांग |
तिरशिंगराव |
कविता |
उसवला शर्ट नवीन पुन्हा – (विडंबन) |
विदेश |
कविता |
तुझे प्रेम एक वनस्पती आहे |
कविता महाजन |
कविता |
राधेचा कन्हैया - |
विदेश |
कविता |
खंड |
अनंत ढवळे |
कविता |
कत्तें चढ गये - नज्म हुसैन सईद |
अनंत ढवळे |
कविता |
शोध माझ्यातला |
पाषाणभेद |
कविता |
भाषांतराचे प्रयोग |
मेघना भुस्कुटे |
कविता |
आहे!? |
पाषाणभेद |
कविता |
(आणखी एक) कवितास्पर्धा |
जयदीप चिपलकट्टी |
कविता |
अशी वाहने येती - ( विडंबन ) |
विदेश |
कविता |
हायकू - |
विदेश |
कविता |
" बया आज माझी नसे वात द्याया - " (विडंबन) |
विदेश |
कविता |
वाटते मजला भिती - |
विदेश |
कविता |
पिशी डाकिनी संस्कृतमग्ना (कविश्रेष्ठ विंदा करंदीकरांच्या पिशी मावशीच्या काही कवितांचा संस्कृत भावानुवाद) |
किंबहुना सर्वसुखी |
कविता |
काचेरी |
अनंत ढवळे |